सीमा-शुल्क

 

सीमा शुल्क :: सामान्य जानकारी -

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  • सीमा शुल्क एक तरह का अप्रत्यक्ष कर है जो सरकार द्वारा वस्तुओं के आयात और निर्यात पर लगाया जाता है। आयात/निर्यात व्यवसाय में शामिल कारोबारियों को इन नियमों का पालन करने और आवश्यकतानुसार सीमा शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता है।  उत्पादों के आयात के लिए लगाए जाने वाले कर को आयात शुल्क (Import Duty / Tariff) के रूप में जाना जाता है, जबकि किसी अन्य देश को निर्यात किए जाने वाले माल पर लगाए गए कर को निर्यात शुल्क (Export Duty / Tariff) के रूप में जाना जाता है।


भारत में सीमा शुल्क का कार्य केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के CBIC के सीमा शुल्क विभाग के अंतर्गत आता है। इसके क्रियान्वयन के लिए सरकार ने सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और सीमा शुल्क दर (Tariff) अधिनियम, 1975 बनाए हैं।

इसके अलावा, भारत के केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशक का कार्यालय किसी भी आयात और निर्यात गतिविधियों से संबंधित विभिन्न योजनाओं के पंजीकरण, जैसे- आयात-निर्यात कोड, ईपीसीजी लाइसेंस, कर-मुक्ति के लिए अग्रिम प्राधिकार पत्र (Advance Authorisations), विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) व निर्यात-उन्मुक्त इकाई (EOU) के लाइसेंस जारी करता है।

1 जुलाई 2017 से भारत की नई कराधान प्रणाली, जीएसटी, के कार्यान्वयन के बाद से किसी भी वस्तु या सेवा के आयात पर एकीकृत वस्तु व सेवा कर (IGST) वसूला जा रहा है। IGST के तहत, सभी उत्पादों और सेवाओं पर 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के चार मूल स्लैब के तहत कर लगाया जाता है।


भारत में सीमा शुल्क के प्रकार :-

देश में आयात होने वाले लगभग सभी सामानों पर सीमा शुल्क लगाया जाता है। दूसरी ओर, निर्यात शुल्क कुछ वस्तुओं पर लगाया जाता है जैसा कि दूसरी अनुसूची में उल्लिखित है। सामान्यत: जीवन रक्षक दवाओं, उर्वरकों और खाद्यान्नों पर सीमा शुल्क नहीं लगाया जाता है।

सीमा शुल्क को विभिन्न करों में विभाजित किया गया है, जैसे:-
1. मूल सीमा शुल्क (Basic Customs Duty): यह उन आयातित वस्तुओं पर लगाया गया है जो सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 12 का हिस्सा हैं। कर की दर, सीमा शुल्क दर अधिनियम, 1975 की पहली अनुसूची के अनुसार लगाई जाती है।

2. अतिरिक्त सीमा शुल्क (Additional Customs Duty): यह उन सामानों पर लगाया जाता है जो सीमा शुल्क दर अधिनियम, 1975 की धारा 3 के तहत बताए गए हैं। कर की दर कमोबेश भारत के भीतर उत्पादित/आपूर्ति होने वाली वस्तुओं पर लगाए गए केंद्रीय उत्पाद शुल्क (1.7.2017 से आईजीएसटी) के समान है।

3. सुरक्षात्मक कर (Safeguard Duty): यह विदेशी आयातों के खिलाफ स्वदेशी व्यवसायों और घरेलू उत्पादों की रक्षा के उद्देश्य से लगाया जाता है। दर का निर्धारण टैरिफ आयुक्त द्वारा किया जाता है।

4. उपकर (शिक्षा, स्वास्थ्य आदि): सीमा शुल्क
के अतिरिक्त यह शुल्क लिया जाता है।

5. डंपिंग रोधी शुल्क (Anti-dumping Duty): लगाया जाता है अगर एक विशेष वस्तु आयात की जा रही है जिसका उचित 
मूल्य, बाजार मूल्य से नीचे है।

 

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