आयकर

 

  • आयकर क्या है ?

  • आयकर (Income Tax) एक प्रत्यक्ष-कर है जो किसी व्यक्ति की वार्षिक आमदनी पर लगता है व भारतीय संविधान की अनुसूची 7 के तहत आयकर विभाग को आयकर वसूलने का अधिकार दिया गया है.  आयकर विभाग भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत राजस्‍व विभाग का एक अंग है एवं यह केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा अभिशासित है। यहाँ व्यक्ति का अर्थ एक "व्यक्तिगत" या "हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF)" या "फर्म" या "स्थानीय प्राधिकारी" या "सहकारी संस्था" या "घरेलू कम्पनी" या "विदेशी कम्पनी" होता है। 
  •  
  • कुल आय की गणना करने के लिए सभी प्रकार की आय अर्थात वेतन, संपत्ति से होने वाली आय, व्यापार या नौकरी में हुआ लाभ, पूंजीगत लाभ, अन्य स्रोतों से होने वाली आय को शामिल करना होगा।  नियोजक द्वारा वेतनभोगी व्यक्ति को दिया गया नकद, ईनाम या सुविधा के रूप में दी गई चीज़ों को उस व्यक्ति की आय के रूप में गिना जाता है। व्यापारी को व्यापार में हुए लाभ को उसकी आय माना जाता है। ब्याज, लाभांश और छूट इत्यादि जैसे निवेशों को भी आय माना गया है। आयकर अधिनियम के अनुसार कानूनी और गैर-कानूनी सभी प्रकार की आय पर कर लागू होता है।
  •  
  • अधिनियम के अनुसार व्यक्तियों द्वारा अर्जित विभिन्न प्रकार की आय का वर्गीकरण पांच शीर्षकों के अंतर्गत किया गया है जो निम्नलिखित हैं:-
  •  
  • 1. वेतन से होने वाली आय (Income from Salary),
  • 2. संपत्ति से होने वाली आय (Income from House Property),
  • 3. व्यापार या नौकरी में हुआ लाभ (Income from Business or Profession),
  • 4. पूंजीगत लाभ (Income from Capital Gains),
  • 5. अन्य स्रोतों से होने वाली आय (Income from Other Sources).

 

पैन कार्ड (PAN Card) -

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139A(1) के अनुसार निम्नलिखित कारणों में पैन (Permanent Account Number) लेना आवश्यक है-

  • 1. जिस व्यक्ति की आय कर-मुक्त आय (हाल में रू.2.5 लाख) से अधिक हो,
  • 2. किसी कारोबार या व्यवसाय का टर्नओवर रू.50 लाख से अधिक हो,
  • 3. जिसे धारा 139(4A) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल कराना आवश्यक हो,
  • 4. किसी नियोक्ता (Employer) को धारा 115WD के तहत फ्रिंज बेनेफिट की रिटर्न दाखिल कराना आवश्यक हो,
  • 5. एक निवासी व्यक्ति के अलावा, जो एक वित्तीय वर्ष में दो लाख पचास हजार रुपये या उससे अधिक की राशि के वित्तीय लेनदेन करता है,
  • 6. जो एक प्रबंध-निदेशक, निदेशक, साझेदार, ट्रस्टी, लेखक, संस्थापक, हिन्दू-अविभाजित-परिवार का कर्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (C E O), प्रमुख अधिकारी (Principal Officer) या उपरोक्त क्रमांक (5) के द्वारा नियुक्त व्यक्ति हो.
  • 7. जो सीबीडीटी बोर्ड द्वारा प्रस्तावित लेनदेन करता हो.

पैन कार्ड लेने के लिए https://www.tin-nsdl.com/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

 

आयकर रिटर्न (Income Tax Return) -

  • आयकर चुकाने के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return या ITR) फाइल की जाती है.  इसमें व्यक्तिगत करदाता, संयुक्त परिवार, कंपनियां, फर्म, संगठन, संस्था आदि शामिल हैं.  आयकर चुकाने वाले इन सभी पक्षों से उनकी आमदनी के हिसाब से अलग-अलग आयकर वसूला जाता है, जिसकी जानकारी इसी पृष्ठ पर नीचे दी गई है.
  •  
  •  
  •  
  • आयकर रिटर्न के प्रकार (Types of Income Tax Return forms)-

  • 1. ITR-1 (सहज) - भारत में निवासित व्यक्ति की कुल आय रू.50 लाख से कम हो और आय का स्त्रोत वेतन/पेंशन, एक मकान और/या ब्याज से हो.
  • 2. ITR-2 - व्यक्ति या HUF, जिनकी आय कारोबार/व्यवसाय से नहीं हो, NRI और/या रु.5000 से अधिक कृषि से आय हो.
  • 3. ITR-3 - व्यक्ति या HUF, जिनकी आय कारोबार/व्यवसाय से हो और जो ITR-1 व ITR-2 फाइल नहीं कर सकते हों.
  • 4. ITR-4 (सुगम) - निवासी व्यक्ति, HUF व फर्म (LLP के अलावा), जिनकी आय प्रिसम्प्टीव (Presumptive) कारोबार/व्यवसाय से रू.50 लाख तक हो और जिनकी आय की गणना धारा 44AD, 44ADA या 44AE से हो या प्रोफेशनल व्यवसाय से आय रु.50 लाख तक हो या अन्य कारोबार से आय रु.2 करोड़ तक हो.
  • 5. ITR-5 - साझेदारी फर्म व LLP साझेदारी फर्म.
  • 6. ITR-6 - धारा 11 के तहत कर-मुक्ति का लाभ लेने वाली कंपनियों के अलावा प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियां.
  • 7. ITR-7 - कंपनियां व जिन्हें धारा 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) लागू हो, प्राइवेट और पब्लिक ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टी, शिक्षण संस्थान, व्यावसायिक ट्रस्ट व निवेशक निधि (Investment Fund).
  •  
  •  
  •  
  • आयकर रिटर्न के फाइल करने के लाभ (Benefits of filing Income Tax Returns)-

  • आयकर रिटर्न फाइल करने के लाभ निम्न प्रकार है -
  •  
  • 1. यदि पहले आपने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया है और वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान आपकी आय रु.2,50,000 / - की मूल छूट सीमा से अधिक है, तो आपको दंड से बचने के लिए 30.11.2020 तक आईटीआर दाखिल करना होगा, इस तिथि के बाद रु. 5000 का जुर्माना 31.12.2020 तक और उसके बाद रु.10,000 रुपये का जुर्माना लगता है। 
  •  
  • 2. यदि आप किसी भी बैंक से कर्ज/ऋण के लिए आवेदन करना चाहते हैं, जैसे व्यक्तिगत ऋण, गृह ऋण, शिक्षा ऋण या व्यवसाय ऋण; तब बैंक आपको पिछले 3 वित्तीय वर्षों के लिए अपने आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए कहते हैं।

3. यदि आप किसी भी जीवन बीमा कंपनी के टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो वे आपको अपना आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए भी कहते हैं।

4. यदि आप किसी भी बैंक के क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो बैंक आपसे अपना आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए कहते हैं।

5. यदि आप कारोबारी/व्यवसायी हैं और पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान नुकसान हुआ है, तो आपको अपने नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में ले जाने के लिए आईटीआर फाइल करने की तय तारीख तक दाखिल करने की आवश्यकता है (विलम्ब से रिटर्न फाइल करने पर यह नुकसान अगले वित्तीय वर्ष में नहीं ले जाया जा सकता), और ऐसे कारोबार/व्यवसाय के नुकसान को अगले 8 वित्तीय वर्षों तक ले जाया जा सकता है।

6. यदि आप विदेश जाने के लिए वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो दूतावास आपको अपना आयकर रिटर्न जमा करने के लिए कहते हैं, जो उन्हें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आप अपनी विदेश यात्रा के दौरान आपके द्वारा किए गए खर्चों का ध्यान रखने में सक्षम हैं।

7. यदि आप भारत से बाहर स्थित किसी संपत्ति के मालिक हैं या विदेश में किसी भी इकाई में आपकी कोई वित्तीय रुचि है, या आप विदेश में किसी भी खाते में हस्ताक्षर करने वाले प्राधिकारी हैं या आप इनमें से किसी एक में लाभार्थी हैं, तो आपको अपना आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है, भले ही पिछले वित्त वर्ष की आपकी आय रु. 2,50,000 की छूट सीमा से कम है।

8. यदि आपकी आय रु.2,50,000 की छूट सीमा से कम है और किसी ने टीडीएस काट लिया है, तो आपको ऐसे टीडीएस की वापसी/रिफंड का दावा करने के लिए अपना आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान, किसी व्यक्ति की कुल आय रु 2,40,000 है, लेकिन उसकी एक बैंक के साथ सावधि जमा कराई हुई है और बैंक ने ब्याज की आय पर बतौर टीडीएस के रु.6,200 की कटौती की है, तो फिर व्यक्ति को रु.6,200 वापसी/रिफंड का दावा करने के लिए आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है अन्यथा उसे आयकर विभाग से कोई रिफंड नहीं मिलेगा।

9. यदि दुर्भाग्यवश किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो बीमा कंपनी मुआवजे के दावे का निपटान करने से पहले उस व्यक्ति का ITR मांगती है।

10. अंततः, एक कानून का पालन करने वाला नागरिक होने के नाते, आपको अपना आईटीआर दाखिल करना चाहिए।

  •   
  •   
  •     
  • आयकर बचत के उपाय (Income Tax Saving Options) -

  • व्यक्ति, जिसे आयकर रिटर्न ITR-1, ITR-2, ITR-3 या ITR-4 फाइल करना होता है, वह अपना आयकर बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय काम में ले सकते हैं -
  •  
  • 1. धारा 24(b) के तहत रू.2 लाख तक मकान/फ्लैट के कर्ज (Home Loan) पर अदा किए गए ब्याज पर आयकर नहीं लगता है,
  •  
  • 2. वेतनिक कर्मचारी को मानक कटोती (Standard Deduction) के रूप में रू.50,000,
  •  
  • 3. यदि वेतनिक कर्मचारी जो किराए के मकान/फ्लैट में रह रहा हो तो उसे धारा 10(13A) के तहत नियोक्ता से मकान-किराया भत्ता (HRA) पर निम्न क, ख या ग में से जो सबसे कम हो, छूट प्राप्त हो सकती है -
  •  
  • => = वास्तविक मकान-किराया भत्ता,
  • => = यदि मेट्रो शहर में रहता हो तो 50%, अन्य शहर में 40%,
  • => = वास्तविक किराया दिया (-) वार्षिक वेतन का 10%,
  •  
  • 4. राज्य सरकार द्वारा वसूला गया वास्तविक व्यवसाय-कर.
  •  
  • 5. सेवानिवृति के समय मिलने वाले लाभ, जैसे, जमा छुट्टियों के बदले रूपये (Leave Encashment) {गैर सरकारी कर्मचारी को रू.3 लाख तक}, ग्रेच्युटी, एक-मुश्त-पेंशन (Commutation of Pension).
  • 6. धारा 80C के तहत, निम्न योजनाओं में निवेश करने पर रू. 1.5 लाख तक छूट प्राप्त होती है -
  •  
  • => जीवन बीमा के प्रीमियम,
  •  
  • => पेंशन फण्ड योजना,
  •  
  • => किसी स्कूल/कॉलेज/विश्व-विद्यालय को भुगतान की गई ट्यूशन फीस,
  •  
  • => किसी म्यूच्यूअल फण्ड  द्वारा जारी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS),
  •  
  • => पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र (National Savings Certificate),   
  •  
  • => भविष्य-निधि खाता (Provident Fund Account),

=> मकान/फ्लैट के लिए होम लोन में मूल रकम (Principal Amount) की अदा की गई राशि,

=> मकान/फ्लैट के नामांतरण के लिए रजिस्ट्रेशन फ़ीस व स्टाम्प ड्यूटीके भुगतान की राशि.

  • => 5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस या बैंक में कर-मुक्त मियादी जमा (Fixed Deposit) {इसमें मिलने वाले ब्याज पर आयकर लगेगा},
  •  
  • => धारा 80CCD के तहत धारा 80C की रू.1.5 लाख की कटोती के अलावा रू.50,000 तक राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) में निवेश करने पर छूट मिलेगी.
  •  
  •  
  • उपरोक्त के अलावा निम्न योजनाओं में निवेश पर भी आयकर छूट मिलेगी -
  •  
  • => धारा 80D - स्वास्थ्य-बीमा के प्रीमियम पर  कुल रू. 60,000 तक, जिसमे स्वयं या उसके परिवार के सदस्य को रू.25,000 तक व उनके माता-पिता पर रू.30,000 तक.
  •  
  • => धारा 80DD - रू. 75,000 तक विकलांग आश्रित पर खर्च (For severe disabilities Rs.1,25,000),
  •  
  • => धारा 80DDB - कुछ बीमारियों के इलाज के लिए -
  •       60 वर्ष की आयु तक रू. 40,000,
  •       60 से 80 वर्ष की आयु तक रू. 60,000,
  •       80 वर्ष से अधिक की आयु तक रू. 80,000,
  •  
  • => धारा 80E - शिक्षा-कर्ज के ब्याज का भुगतान,
  •  
  • => धारा 80EE - पहली बार गृह-कर्ज (Home Loan) पर रू. 50,000,
  •  
  • => धारा 80G - धर्मार्थ-ट्रस्ट (Charitable Trust) को अनुदान देने का 50% या 100%, जैसा लागू हो.
  •  
  • => धारा 80GG - कर्मचारी जिन्हें मकान-किराया भत्ता (HRA) नहीं मिलता उन्हें निम्न में से जो कम हो -
  •       क = कुल आय का 25%,
  •       ख = रू. 5,000 प्रति माह,
  •       ग = वास्तविक किराया दिया (-) वार्षिक वेतन का 10%.
  •  
  • => धारा 80GGB व 80GGC - राजनैतिक पार्टी को क्रमशः कम्पनीयों या व्यक्तियों द्वारा चेक से भुगतान किया हो,
  •  
  • => धारा 80TTA - रू.10,000 तक बचत खाते से प्राप्त ब्याज,

=> धारा 80TTB - रू.50,000 तक बचत खाते से प्राप्त ब्याज [ निवासी वरिष्ठ नागरिक {Resident Senior Citizen} ],

  • => धारा 80U - विकलांग करदाता रू.75,000 और यदि ज्यादा विकलांगता हो तो रू.1.25 लाख.
  •  
  • => धारा 80RRB - रू. 3 लाख तक रॉयल्टी या पेटेंट से आय

 

 

 

 

आयकर की दरें (Income Tax Rates) -

1. व्यक्ति (Individuals - Resident & NRI) अथवा हिंदु अविभाजित परिवार (HUF) अथवा व्यक्तियों के संघ (AOP - Association of Persons) अथवा व्यक्तियों की निकाय (BOI - Body of Individuals) अथवा अन्य किसी कृत्रिम कानूनी व्यक्ति (Artificial Juridical Person) के लिए निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18), निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए आयकर की दरें :-

    करयोग्य आय                              दर
रू. 2,50,000 तक                         शून्य
रू. 2,50,000 से रू. 5,00,000          5%
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000       20%
रू. 10,00,000 से अधिक                  30%

घटाएं : धारा 87क के अंतर्गत छूट (टिप्पणी देखें)
जोड़ें  : अधिभार (Surcharge) तथा शिक्षा/स्वास्थ्य उपकर (Cess) के लिए टिप्पणी देखें.



2. निवासी वरिष्ठ नागरिक {Resident Senior Citizen} (जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 60 वर्ष की आयु अथवा उससे अधिक का हो लेकिन पिछले वर्ष के अंतिम दिन पर 80 वर्ष की आयु से कम का हो) के लिए निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18), निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए आयकर की दरें  :-
   करयोग्य आय                                 दर
रू. 3,00,000 तक                            शून्य
रू. 3,00,000 से रू. 5,00,000            5%
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000         20%
रू. 10,00,000 से अधिक                    30%

घटाएं : धारा 87क के अंतर्गत छूट (टिप्पणी देखें)
जोड़ें  : अधिभार तथा शिक्षा/स्वास्थ्य उपकर (टिप्पणी देखें)


3. एक निवासी अति वरिष्ठ नागरिक (Resident Super Senior Citizen) की स्थिति में (जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष अथवा उससे अधिक की आयु का हो) के लिए निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18), निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए आयकर की दरें :-

    करयोग्य आय                                  दर
रू. 5,00,000 तक                             शून्य
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000          20%
रू. 10,00,000 से अधिक                     30%

जोड़ें  : अधिभार तथा शिक्षा उपकर (टिप्पणी देखें)

  • टिप्पणी :-
  • क) अधिभार (Surcharge)
  • निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18), निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) के लिए -
  •      (i) 1 प्रतिशत की दर पर अधिभार लगेगा जहां कुल आय 50 लाख रूपए से अधिक हो लेकिन 1 करोड़ से कम हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा (जहां कुल आय 50 लाख रूपए से
  •           अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो 50 लाख रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा 50 लाख की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि
  •           से अधिक नही होगी)
  •     (ii) 15 प्रतिशत की दर पर अधिभार लगेगा जहां कुल आय 1 करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगी (जहां कुल आय 1 करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर
  •          और अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो 1 करोड़ से अधिक हो, की राशि के अलावा 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नहीं होगी।
  •  
  • निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए -
  •       (i) आयकर की राशि ऐसे कर के 10% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय पचास लाख रूपए से अधिक हो लेकिन एक करोड़ से अधिक न हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगी (जहां कुल आय पचास लाख रूपए से अधिक हो वहां आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि और अधिभार आय, जो पचास लाख रूपए से अधिक हो, की राशि की तुलना में पचास लाख की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नहीं होगी)
  •      (ii) आयकर की राशि ऐसे कर के 15% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो लेकिन दो करोड़ से अधिक न हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)
  •     (iii) आयकर की राशि ऐसे कर के 25% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय दो करोड़ रूपए से अधिक हो लेकिन पांच करोड़ से अधिक न हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)
  •     (iv) आयकर की राशि ऐसे कर के 37% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय पांच करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)
  •  
  • However, marginal relief is available from surcharge in following manner- 
  1. in case where net income exceeds Rs. 50 lakh but doesn’t exceed Rs. 1 Crore, the amount payable as income tax and surcharge shall not exceed the total amount payable as income tax on total income of Rs 50 Lakh by more than the amount of income that exceeds Rs 50 Lakhs.
  2. in case where net income exceeds Rs. 1 crore but doesn’t exceed Rs. 2 crore, marginal relief shall be available from surcharge in such a manner that the amount payable as income tax and surcharge shall not exceed the total amount payable as income-tax on total income of Rs. 1 crore by more than the amount of income that exceeds Rs. 1 crore.
  3. in case where net income exceeds Rs. 2 crore but doesn’t exceed Rs. 5 crore, marginal relief shall be available from surcharge in such a manner that the amount payable as income tax and surcharge shall not exceed the total amount payable as income-tax on total income of Rs. 2 crore by more than the amount of income that exceeds Rs. 2 crore.
  4. in case where net income exceeds Rs. 5 crore, marginal relief shall be available from surcharge in such a manner that the amount payable as income tax and surcharge shall not exceed the total amount payable as income-tax on total income of Rs. 5 crore by more than the amount of income that exceeds Rs. 5 crore.

  • ख) शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए आयकर तथा अधिभार की राशि पर 2% की दर से लगेगा।

ग) माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए आयकर तथा अधिभार की राशि पर 1% की दर पर लगेगा।
घ) स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए आयकर की राशि और अधिभार पर 4% की दर पर लगेगा।

ड.) धारा 87क के अंतर्गत छूट :
    (i) निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) व निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) के लिए छूट निवासी व्यक्ति को उपलब्ध होगी यदि उसकी कुल आय रू.3,50,000 से अधिक न हो। छूट की राशि आयकर का 100 प्रतिशत अथवा 2,500 जो भी कम हो, होगी.
   (ii) निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए छूट निवासी व्यक्ति को उपलब्ध होगी यदि उसकी कुल आय रू. 5,00,000 से अधिक न हो। छूट की राशि आयकर का 100 प्रतिशत अथवा 12,500 जो भी कम हो, होगी।

  •  
  • व्यक्ति (निवासी अथवा अनिवासी) व हिंदु अविभाजित परिवार (HUF) के लिए निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) से लागू विशेष आयकर की दरें :-
कुल आय दर
रु.2,50,000 तक शून्य
रु.2,50,001 से 5,00,000 तक 5%
रु.5,00,001 से 7,50,000 तक 10%
रु.7,50,001 से 10,00,000 तक 15%
रु.10,00,001 से 12,50,000 तक 20%
रु.12,50,001 से 15,00,000 तक  25%
रु.15,00,000 से अधिक  30%
  • नोट : अधिभार तथा शिक्षा उपकर के लिए उपरोक्त तालिका 1 की टिप्पणी देखें.

 

4. साझेदार फर्म (Partnership Firms) व स्थानीय प्राधिकारी (Local Authority) -
निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18), निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए एक साझेदार फर्म (एलएलपी सहित) 30% की दर से करयोग्य है।

जोड़ें :
क) अधिभार :
आयकर की राशि ऐसे कर के 12% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देय योग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)।

ख) शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए आयकर तथा अधिभार की राशि पर 2% की दर से लगेगा।

ग) माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए आयकर तथा अधिभार की राशि पर 1% की दर पर लगेगा।

घ) स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए आयकर की राशि और अधिभार पर 4% की दर पर लगेगा।

 

5. घरेलू कंपनी के लिए कॉर्पोरेट कर की दर (Corporate Tax rates for Domestic Company) :-

निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए, एक घरेलू कंपनी 30% पर कर योग्य है। हालांकि, कर की दर 25% रहेगी जहां कंपनी का कारोबार या कुल प्राप्तियां पिछले वर्ष 2015-16 में रू.50 करोड़ से अधिक नहीं होती।

निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) के लिए, एक घरेलू कंपनी 30% पर कर योग्य है। हालांकि, कर की दर 25% रहेगी जहां कंपनी का कारोबार या कुल प्राप्तियां पिछले वर्ष 2016-17 में रू.250 करोड़ से अधिक नहीं होती।

निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए, एक घरेलू कंपनी 30% पर कर योग्य है। हालांकि, कर की दर 25% रहेगी जहां कंपनी का कारोबार या कुल प्राप्तियां पिछले वर्ष 2017-18 / 2018-19 में रू.400 करोड़ से अधिक नहीं होती।

जोड़ें:
क) अधिभार :
आयकर की राशि ऐसे कर के 7% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से अधिक न हो तथा ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर जहां कुल आय दस करोड़ से अधिक हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा जो निम्नानुसार होगा।
     (i) जहां आय एक करोड़ रूपए से अधिक लेकिन दस करोड़ से कम हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल आय से अधिक नही होगी।
    (ii) जहां आय दस करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल आय से अधिक नही होगी।

ख) शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए आयकर तथा प्रयोज्नीय अधिभार की राशि ऐसे आयकर व अधिभार के 2% की दर पर वृद्धि की जाएगी।

ग) माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए आयकर तथा प्रयोज्नीय अधिभार की राशि ऐसे आयकर तथा अधिभार के 1% की दर पर वृद्धि की जाएगी।

घ) स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर : निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) व निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) के लिए आयकर की राशि और प्रयोज्य अधिभार को ऐसी आय और अधिभार के 4% की दर पर आंके गए स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर द्वारा और बढ़ाया जाएगा।

घरेलू कंपनी के लिए विशेष कॉर्पोरेट कर की दर :-

निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए 

  • 1. धारा 115BA   का विकल्प लेने वाली कंपनी के लिए कॉर्पोरेट कर की दर 25%
  • 2. धारा 115BAA का विकल्प लेने वाली कंपनी के लिए कॉर्पोरेट कर की दर 22% 
  • 3. धारा 115BAB का विकल्प लेने वाली कंपनी के लिए कॉर्पोरेट कर की दर 15%
     

6. विदेशी कंपनी के लिए आयकर की दरें (Income Tax rates for Foreign Company)

निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) तथा निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए 

31 मार्च 1961 के पश्चात् लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पूर्व भारतीय कंपनी के साथ किए गए समझौते के अनुसार सरकार अथवा भारतीय कंपनी द्वारा प्राप्त रॉयल्टी अथवा 29 फरवरी, 1964 के पश्चात् लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पूर्व किए गए समझौते के अनुसार तकनीकी सेवा प्रतिपादन के लिए शुल्क तथा जहां ऐसा समझौता किसी भी स्थिति में, केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया हो  :  50 प्रतिशत

अन्य कोई आय 40 प्रतिशत

जोड़ें :
क) अधिभार :
आयकर की राशि ऐसे कर के 2% की दर पर अधिभार लगेगा जहां कुल आय 1 करोड़ रूपए से अधिक हो लेकिन 10 करोड़ से अधिक न हो तथा ऐसे कर के 5% की दर पर जहां कुल आय 10 करोड़ से अधिक हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा जो निम्नानुसार होगा:
     (i) जहां आय 1 करोड़ रूपए से अधिक लेकिन 10 करोड़ रूपए से अधिक न हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो 1 करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल आय से अधिक नही होगी।
    (ii) जहां आय 10 करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो 10 करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा 10 करोड़ रूपए की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल आय से अधिक नही होगी।

निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18)
ख) शिक्षा उपकर : आयकर तथा प्रयोज्नीय अधिभार की राशि ऐसे आयकर तथा अधिभार के 2% की दर से लगेगा।
ग) माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा उपकर : आयकर तथा प्रयोज्नीय अधिभार की राशि ऐसे आयकर तथा अधिभार के 1% की दर से लगेगा।

निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) के लिए
स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर : आयकर की राशि और लागू होने वाला अधिभार को ऐसे आयकर और अधिभार के 4% की दर पर आंके गए स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।



7. सहकारी संस्था के लिए आयकर की दरें (Income Tax rates for Co-operative Society) :-
निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) तथा निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19), निर्धारण वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) व निर्धारण वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए 

      करयोग्य आय                                      दर
रू. 10,000 तक                                       10%
रू. 10,000 से रू. 20,000                         20%
रू. 20,000 से अधिक                                 30%

जोड़ें :
क) अधिभार :
आयकर की राशि ऐसे कर के 12% की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार सीमांत राहत के अनुसार होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)

निर्धारण वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए
ख) शिक्षा उपकर : आयकर तथा प्रयोज्नीय अधिभार की राशि ऐसे आयकर तथा अधिभार के 2% की दर पर आंके गए शिक्षा उपकर द्वारा आगामी वृद्धि की जाएगी।

ग) माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा उपकर : आयकर तथा प्रयोज्नीय अधिभार की राशि ऐसे आयकर तथा अधिभार के 1% की दर पर आंके गए माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा उपकर द्वारा आगामी वृद्धि की जाएगी।

निर्धारण वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) के लिए
स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर : आयकर की राशि और लागू होने वाला अधिभार को ऐसे आयकर और अधिभार के 4% की दर पर आंके गए स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।